शुक्रवार, 14 अक्तूबर 2016

आज भी जीवित है ये 8 महापुरुष...

जो जन्म लेता है उसकी मृत्यु निश्चित है यहाँ तक कि भगवान के अवतार राम और कृष्ण भी इस नियम से अछूते नहीं रहे किन्तु हिंदू धर्म के मान्यता अनुसार अब भी ये 8 महापुरुष जीवित माने गए है।

इस लेख में हम ऐसे 8 महापुरुषों के बारे में जानेंगे जिन्होंने मृत्यु पर विजय प्राप्त की हुई है।

आज भी जीवित है ये 8 महापुरुष--

1. हनुमान -शास्त्र अनुसार हनुमान जी को अजर अमर रहने का वरदान प्राप्त है। त्रेता युग में राम चंद्र जी और द्वापर युग में श्री कृष्ण दोनों ही भगवान विष्णु के अवतार माने गए है,इसी कारण हनुमान जी का उल्लेख रामायण और महाभारत दोनों ही धर्म ग्रंथों में मिलता है रामायण में हनुमान रामभक्त और संकटमोचन के नाम से प्रसिद्द है तो महाभारत में हनुमान जी का उल्लेख भीम के घमंड को तोड़ने के लिए आता है साथ ही अर्जुन के रथ के झंडे में हनुमान जी की उपस्थिति चित्रों में देखी जा सकती है।

2. अश्व्थामा-महाभारत में कौरव और पांडव के गुरु द्रोण के पुत्र अश्व्थामा को उनके।माथे में अमर मणि होने के कारण अमरत्व का वरदान प्राप्त था किन्तु पांडवो के पुत्रों की हत्या करने के कारण उनसे मणि छीन कर भगवान श्री कृष्ण ने अनंत काल तक पृथ्वी में भटकते हुए पापों के पश्चाताप का श्राप दिया था।मान्यता अनुसार मध्यप्रदेश के दतिया में आज भी अश्व्थामा द्वारा स्थापित महाभारत कालीन शिवलिंग है जिसका पूजा अर्चन किया जाता है साथ ही छेत्र में अश्व्थामा की उपस्थिति के संबंध में जनश्रुति भी है।

3. मार्कण्डेय ऋषि-महामृत्युंजय मंत्र की सिद्धि प्राप्त करने कारण उनको अमरत्व का वरदान प्राप्त है मार्कण्डेय ऋषि भगवान शिव के अनन्य भक्त थे उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर स्वयं शिव ने उन्हें अमरत्व का वरदान दिया था।

4. परशुराम -भगवान परशुराम को शास्त्रो में भगवान विष्णु का छठवां अवतार माना गया है। भगवान परशुराम की माता का नाम रेणुका और पिता का नाम जमदग्नि था। भगवान परशुराम शिव भक्त थे उनकी भक्ति से प्रसन्न हो कर भगवान शिव ने उन्हें अपना धनुष दिया था जो उन्होंने सीता माता की सेवा से प्रसन्न होकर सीता माता को दे दिया। अपनी तपस्या और पित्र भक्ति के कारण उन्हें अमरत्व प्राप्त है।

5. कृपाचार्य -कृपाचार्य और उनकी बहन का पालन भीष्म के पिता राजा शांतनु ने किया था बड़े होकर वह हस्तिनापुर के राजगुरु बने।कृपाचार्य को अमरत्व का वरदान प्राप्त था वे महाभारत में कौरवों की तरफ से बचे 3 योद्धाओं में से एक थे।

6. विभीषण-धर्म युद्ध में भगवान राम की सहायता करने पर भगवान राम द्वारा लंकाविजय के पश्चात विभीषण को लंका का राज्य सौपने के साथ ही अमरत्व का वर भी दिया था ।

7. वेदव्यास-महाभारत के रचयिता महिर्षि वेदव्यास को कौन नहीं जानता अपने ज्ञान और तप के कारण इन्हें भी अमरत्व प्राप्त है आज भी कथा और भगवान चरित्र वर्णन करने वाले पंडित को वेदव्यास तुल्य मानते हुए उनकी गद्दी को व्यास जी की गद्दी कहा जाता है।

8. राजा बलि-दैत्य राज राजा बलि महापराक्रमी तो थे ही महान दानी भी थे अपने पराक्रम से उन्होंने तीनो लोक पर विजय प्राप्त कर ली देवताओं के निवेदन पर भगवान विष्णु ने वामन रूप धारण कर उनसे दान में तीनों लोक प्राप्त कर लिए और उसके बाद उन्हें सुतललोक का राज्य सौप दिया और साथ ही अमरत्व का वरदान भी दिया।

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