तिलक लगाने से जुडी कुछ महत्वपूर्ण बातें आइये जाने:-
तिलक लगाने की परंपरा हिन्दू धर्म में बहुत प्राचीन है हमारे ऋषि मुनि विभिन्न प्रकार के तिलक धारण करते है। किसी भी शुभ काम के पूर्व, यज्ञ के पूर्व या भारतीय संस्कृति में किसी के स्वागत करने के लिए भी तिलक लगाने की प्रथा है। वास्तव में तिलक लगाने से मस्तिष्क में स्थित आज्ञा चक्र सक्रिय हो जाता है और यही वो स्थान है जहा तीनो नाड़ियां आपस में मिलती है और पुरे शरीर का सञ्चालन करती है अतः तिलक लगाने से यह स्थान पुष्ट होता है । तिलक से जुडी अन्य रोचक बातें आइये जाने:-
1 तिलक लगाने के स्थान:- ललाट, कंठ, ह्रदय, नाभि, पीठ, दोनों भुजा पार्श्व, दोनों कान, दोनों हथेली, मस्तक एवं ब्रह्माण्ड में तिलक लगाया जाता है।
2 तिलक किये बिना संध्या, तर्पण, पित्र कर्म, देव पूजादि नहीं करना चाहिए।
3 देवताओ को अनामिका उंगली से तिलक करना चाहिए।
4 मनुष्य को तिलक लगाने के लिए अंगूठा व् मध्यमा का प्रयोग करना चाहिए।
5 कनिष्ठा से भुत प्रेत को तिलक लगाना चाहिए।
6 चकले पर से तिलक के लिए चन्दन नहीं लेना चाहिए।
7 अनामिका से तिलक करने से शांति, मध्यमा से तिलक करने पर आयु वृद्धि, तर्जनी से तिलक करने पर मोक्ष व् अंगूठे से तिलक करने पर पुष्टि होती है।
8 सिंदूर से हनुमान जी को, रोली से लक्ष्मी जी को, हल्दी चन्दन से गणेश जी को,श्वेत चन्दन व् भस्म से शंकर जी को और हरिद्रा चन्दन से विष्णु जी को तिलक लगाया जाता है।
तिलक लगाने का मंत्र
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पुण्यं यशस्यमायुष्यं तिलकं मे प्रसीदतु ।।
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Y aapka jo muhim h na bhaiya wo to rang layega hi aaj aapne apni tilak wali pht dal kar isme ek nai disha di h bas lage raho bhaiya ji
जवाब देंहटाएंभैया आप सभी का सहयोग रहेगा तो और अच्छी जानकारियां पहुचाएंगे आप तक।
जवाब देंहटाएंभैया आप सभी का सहयोग रहेगा तो और अच्छी जानकारियां पहुचाएंगे आप तक।
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी जानकारी जो आज मालूम हुआ वो भी विस्तार से
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