रविवार, 13 नवंबर 2016

कार्तिक पूर्णिमा का पौराणिक महत्त्व जाने?

हमारे सनातन हिन्दू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का बहुत ही महत्त्व है। यह महत्त्व केवल वैष्णव ही नहीं वरन शिव भक्तो के लिए भी यह अत्यंत महत्वपूर्ण है। कई लोग पुरे कार्तिक माह में कार्तिक स्नान का संकल्प लेते है और ब्रह्म मुहूर्त में प्रातः जग कर किसी पवित्र नदी तालाब या घर में ही स्नान करके भगवान् की विविध प्रकार से पूजन करते है और कार्तिक पूर्णिमा को अपने संकल्प का उद्यापन करते है।


शिव पुराण के अनुसार आज ही के दिन भगवान् शंकर जी ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था और देवताओ को शोक मुक्त किया था जिससे भगवान् विष्णु ने प्रसन्न हो कर उनको एक नाम त्रिपुरारी दिया। इसलिए इस पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहा जाता है।

इसी प्रकार यह तिथि सिख सम्प्रदाय के लोगो के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन सिख सम्प्रदाय के संस्थापक गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ था। सिख सम्प्रदाय के लोग इस दिन को प्रकाश पर्व के रूप में मनाते है। इस दिन सिख सम्प्रदाय के लोग सुबह स्नान करके गुरुद्वारे जाते है और गुरुनानक देव जी की बताई गई गुरु वाणी को सुन कर उसका अनुकरण करने की शपथ लेते है। इसे गुरुपर्व भी कहा जाता है।



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