सूर्य,गणेश, दुर्गा, शिव और विष्णु-ये पंचदेव कहे गए है इनकी पूजा नित्य करनी चाहिए।
कल्याण चाहने वाले गृहस्त मनुष्य को अनेक देव मूर्तियो की पूजा करनी चाहिए।
घर में दो शिवलिंग, तीन गणेश, दो शंख, दो सूर्य, तीन दुर्गा मूर्ति, दो गोमती चक्र और दो शालग्राम की पूजा करने से गृहस्थ में अशांति आती है।
शालग्राम की प्राणप्रतिष्ठा की आवश्यकता नहीं होती।
बाणलिंग तीनो लोक में विख्यात है उसकी प्राण प्रतिष्ठा , संस्कार या आहवाहन नहीं किया जाता है।
पत्थर, काष्ठ, सोना या अन्य धातुओ की मूर्ति की प्रतिष्ठा घर या मंदिर में करनी चाहिए।
घर में चल और मंदिर में अचल मूर्ति की प्रतिष्ठा करनी चाहिए।
गंगाजी में, शालग्रामशिला में तथा शिवलिंग में सभी देवताओ का पूजन बिना आहवाहन विशर्जन के किया जा सकता है।
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