स्वास्थ्य

पृष्ठ

रविवार, 15 जनवरी 2017

अपवर्ग (मोक्ष) क्या है?

हम जो भी धर्म कार्य करते है उसका एक ही उद्देश्य है अपवर्ग की प्राप्ति। अपवर्ग का अर्थ होता है मोक्ष की प्राप्ति। 

अपवर्ग का अर्थ है-
"अपगता वर्गः अपवर्गः"
अपवर्ग वह होता है जहाँ कोई वर्ग ना हो। जिस प्रकार संसार कई वर्गों में बटा हुआ है स्त्रि-पुरुष, ब्राह्मण-क्षत्रिय-शूद्र-वैश्य, काला-गोरा, अमीर -गरीब इत्यादि। परंतु अपवर्ग में कोई वर्ग नहीं होता।

 दूसरा अर्थ है:-
"पतन फलाशा बंध भय मृत्यु जहाँ पर नाय।
प फ ब भ म रहित सो अपवर्ग कहाय।।"

अपवर्ग का अर्थ है जहा प वर्ग न हो। प वर्ग का मतलब है प फ ब भ म ये पांच वर्ग जहा न आय उसे अपवर्ग कहते है। ये पांच क्या है:-

प:- प का अर्थ है पतन जाहा जाने के बाद पतन ना हो।
फ:- फ का अर्थ होता है फलाषा अर्थात फल की इक्षा।
ब:-ब का अर्थ होता है बंधन अर्थात जहा किसी प्रकार का कोई बंधन ना हो।
भ:-भ का अर्थ है भय अर्थात जहा भय न हो।
म:- म का अर्थ होता है मृत्यु अर्थात जहा मृत्यु का भय न हो।

इस प्रकार जहा पतन, फल की इक्षा, बंधन, भय और मृत्यु न हो उसे अपवर्ग कहते है।

यह भी पढ़े:-

1 टिप्पणी: