स्वास्थ्य

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रविवार, 22 जनवरी 2017

राम के दास कभी ना रहे उदास!!

कोई तन दुखी, कोई मन दुखी, कोई धन के बिना उदास।
थोड़े थोड़े सब दुखी, सुखी राम के दास।।

इस संसार रुपी भव-सागर में हम नित्य यह अनुभव करते है की हर जीव किसी न किसी समस्या से ग्रसित है या दुखी है। किसी को अपने शरीर से पीड़ा है, किसी को अपने मन के अनुकूल कार्य नहीं होने के कारण दुःख है और कोई व्यक्ति धन के आभाव में दुःख को प्राप्त है इस प्रकार हम मनुष्य किसी न किसी प्रकार से दुखी है।

इस दुःख का कारण क्या है?
 दुःख का प्रमुख कारण यह है कि जीव इस संसार में अपनी
आशक्ति कर इसी में अपना सुख ढूंढने लगता है और अनेक प्रकार की कामनाये करता है और जब वह कामनाये पूर्ण नहीं होती है तब वह शोक को प्राप्त होता है।

संसार में कौन सुखी है? 
संसार में केवल वे ही सुखी है जो इस देह को भगवत प्राप्ति का साधन मान कर संसार से विरक्ति और भगवान् के प्रति अनुरक्ति रखता है साथ ही अपने सारे कर्मो को भगवान् को समर्पित कर निष्काम भक्ति करता है वही इस संसार में सुखी है। 

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