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शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2017

भगवान् के श्रीअंगो की उपमा प्रायः कमल से क्यों दी जाती है?

हम सभी प्रायः यह अनुभव करते है क़ि हमारे विभिन्न पुराणों और धर्म शास्त्रो में भगवान् के श्रीअंगो की तुलना कमल के पुष्प से की जाती है ऐसा क्यों?

यह लौकिक संसार भगवान् की प्रेरणा से और उनकी कृपा से ब्रह्मा जी ने बनाई है। परंतु कमल पुष्प ब्रह्मा जी की सृष्टि में नहीं आती, क्योकि ब्रह्मा जी की उत्पत्ति स्वयं कमल के पुष्प से हुई है। अतः कमल पुष्प ब्रह्माजी की सृस्टि से पूर्व की है। 

ब्रह्मा जी का जन्म भगवान् के नाभि कमल से हुई है। अतः कमल पुष्प भगवान् के श्रीअंग से प्रकट हुई है इसलिए भगवान् के श्रीअंगो की उपमा कमल पुष्प से की जाती है। 

उदाहरण:-

"नवकंज लोचन कंज मुख कर कंज पद कंजारुणं।।"

"नमः कमलनेत्राय नमः कमल-मालिने ॥ 
नमः कमलनाभाय कमलापतये नमः ॥"

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