मानस में प्रमुख रूप से गोस्वामी जी ने अलग अलग कथाओ के माध्यम से भगवत प्राप्ति के चार प्रकार के मार्गो का वर्णन किया है जिसके प्रमुख वक्ता और श्रोता इस प्रकार है:-
1 ज्ञान धारा - शिव-पार्वती (कैलाश)।
2 कर्म धारा - यज्ञवल्क-भारद्वाज (प्रयाग)।
3 भक्ति धारा - कागभुसुंडि-गरुण (निलगिरी)।
4 उपासना धारा - तुलसी-संत (वाराणसी)।
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