स्वास्थ्य

पृष्ठ

बुधवार, 26 अप्रैल 2017

भगवान् परशुराम ने क्यों काटा था अपनी माँ रेणुका का गला?

भगवान् परशुराम के पिता का नाम ऋषि जमदग्नि और माता का नाम रेणुका थे। एक बार की बात है उनकी माता अपने पति जमदग्नि ऋषि के यज्ञ के लिए जल लेने नदि के तट पर गई थी। वहाँ रेणुका ने राजा चित्ररथ को विहार करते देख लिया और कुछ समय रुक कर देखती रही। रेणुका के मन में विकार उत्पन्न हो गया। 

इतने में उन्हें वापस आश्रम आने में देर हो गई। वापस आकर जब जल उन्होंने जमदग्नि ऋषि को दिया तब उन्होंने पूछा कि वापस आने में देर क्यों हुई तब रेणुका ने कोई जवाब नहीं दिया। ऋषि जमदग्नि ने अपने तपोबल से देख लिया कि रेणुका के मन में राजा के प्रति विकार उत्पन्न हो गया था। अतः उन्होंने रेणुका को बहुत धिक्कारा और उनके इस आचरण को अमर्यादित बताते हुए उनका त्याग कर दिया।

इतने पर उनके चार बड़े बेटे वहाँ पर आ गए। जमदग्नि ने अपने चारो बड़े बेटो से एक एक करके उनकी माँ रेणुका का सर काटने को कहा। चारो ने मातृ प्रेम वश ऐसा करने से मना कर दिया। ऋषि जमदग्नि ने क्रोध में आकर उन चारो को श्राप दे दिया और अपने चारो पुत्रो की विचार शक्ति को नष्ट कर दिया। 

अंत में उनके सबसे छोटे पुत्र परशुरामजी वहाँ पर आये। ऋषि जमदग्नि ने उन्हें भी उनकी माता रेणुका का गला काटने को कहा। परशुराम ने बिना कोई प्रश्न किये अपने फारसे से अपनी माता का गला काट दिया। गला काटने के बाद वे विलाप करने लगे और अपने पिता से अपनी माता के अपराध के बारे में पूछने लगे तब जमदग्नि ने सारा वृत्तांत कहा। अंत में ऋषि जमदग्नि ने अपने पुत्र से उसकी पितृ भक्ति से प्रसन्न हो कर वरदान माँगने को कहा। परशुराम जी ने वरदान माँगते हुए कहा-

"मेरी माता ने जो भी अपराध किया हो आप उन्हें अपराध मुक्त करे।"

"उन्हें पुनः जीवित करे और उन्हें इस घटना की कोई स्मृति ना हो।"

"मेरे चारो बड़े भाइयों को विचार शक्ति पुनः प्राप्त हो जाए।"

इस प्रकार ऋषि जमदग्नि ने परशुराम जी के द्वारा मांगे गए सारे वरदान दे दिए और साथ ही उनकी पितृ भक्ति से प्रसन्न हो कर उन्हें चिरकाल तक जीवित रहने का वरदान भी दिया।

ये है भगवान् परशुराम की पितृ भक्ति और मातृ प्रेम कि एक तरफ तो पिता की आज्ञा पालन के लिए अपनी माँ का गला काट दिया और जब पिता प्रसन्न हुए तो अपनी माँ के प्राण वापस मांग लिए और साथ ही उन्हें इस पूरी घटना का कोई ज्ञान न हो ऐसा वरदान मांग कर अपनी मातृ प्रेम को व्यक्त किया।

यह भी पढ़े:-

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें