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शुक्रवार, 28 अप्रैल 2017

भगवान् परशुराम नहीं थे क्षत्रिय विरोधी!!

प्रायः भगवान् परशुराम के सम्बन्ध में यह बात कही जाती है क़ि वे क्षत्रिय विरोधी थे पर ऐसा नहीं है। भगवान् परशुराम ने केवल हैहयवंशी क्षत्रिय राजाओ और उनके ऐसे सहयोगी क्षत्रिय राजाओ का वध किया जिन्होंने अपने शक्ति और सत्ता के बल पर प्रजा में अत्याचार किया। भगवान् परशुराम ने अपने पिता की ह्त्या का प्रतिशोध लिया और 21 बार इस धरती को उन आतातायी राजाओ के अत्याचार से मुक्त किया।

 यदि वे क्षत्रिय विरोधी होते तो राजा जनक को शिवजी का दिव्य धनुष क्यों प्रदान करते? 

पितामह भीष्म को धनुर्विद्या क्यों सिखाते? 

श्रीरामावतार में भी श्रीराम क्षत्रिय कुल में जन्म लेकर आये थे उनको पहचान कर उन्हें प्रणाम क्यों करते? 

कृष्णवतार में भी भगवान् परशुराम ने ही क्षत्रिय कुल में जन्मे श्रीकृष्ण को उनका सुदर्शन क्यों प्रदान करते? 

 सबसे बड़ी बात यदि वे क्षत्रियो के विरोधी होते तो उन्होंने तो 21 बार इस धरती को क्षत्रिय विहीन किया है तो आज कोई क्षत्रिय जीवित ही नहीं बचता।

 अतः भगवान् परशुराम केवल हैहयवंशी क्षत्रियो के विरोधी थे और उन्होंने केवल उसी वंश के राजाओ और उसके सहयोगीयों का विनाश किया है अन्य क्षत्रियो का नहीं।

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