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गुरुवार, 5 जनवरी 2017

तीर्थयात्रा में क्या करें? क्या ना करें?

सनातन हिन्दू धर्म में तीर्थयात्रा का अपना अलग ही महत्त्व है। हम सभी प्रायः किसी न किसी तीर्थ स्थान के यात्रा करते है। पर यात्रा करते समय क्या करे और क्या ना करे ये जानना आवश्यक है:-

1 जो तार देने में समर्थ होता है वह तीर्थ कहलाता है।

2 तीर्थ यात्रा में मांस, मैथुन, जानदार सवारी, छाता, जुता पहनकर यात्रा नहीं करनी चाहिए।

3 पृथ्वी पर सोना चाहिए।

4 एक समय भोजन करना चाहिए।

5 स्नान से पूर्व प्रणाम व् प्राथना करना चाहिए।

6 लड़ाई, परनिंदा, द्वेष आदि छोड़ देना चाहिए।

7 बाल बच्चों का स्मरण नहीं करना चाहिए।

8 साबुन व् तेल का उपयोग नहीं करना चाहिए।

9 साबुन से कपडे नहीं धोना चाहिए।

10 दान करना चाहिए।

11 अप्रिय नहीं बोलना चाहिए।

12 जल में दातुन, कुल्ला, मल-मूत्र आदि का त्याग नहीं करना चाहिए।

13 तीर्थयात्रा का प्रयोजन केवल अंतःकरण की शुद्धि और आत्म कल्याण ही होना चाहिए।

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