रविवार, 11 दिसंबर 2016

कल्पवृक्ष और चिंतामणि से भी श्रेष्ठ है गुरु कृपा:-

संसार में कल्पवृक्ष और चिंतामणि ये दोनों बहोत ही दुर्लभ वस्तु है। चिंतामणि को हाथ में ले कर यदि कोई किसी पदार्थ का चिंतन करे तो वो उसे सहज ही प्राप्त हो जाती है। इसी प्रकार यदि कोई कल्प वृक्ष के नीचे बैठ कर किसी वस्तु का चिंतन करे तो कल्प वृक्ष उसे सहज ही प्रदान कर देती है।
परंतु यदि कोई चिंतामणि या कल्प वृक्ष से भगवत भक्ति मांगे तो वो इसे देने में समर्थ नहीं है यदि कोई भगवत दर्शन कराने की इच्छा करे तो वो नहीं करा सकती ऐसा सामर्थ उनमे नहीं है।

पर यदि हमें हमारे जीवन में कोई सद्गुरू मिल जाय तो उनकी कृपा से हमें सहज ही भगवत भक्ति और भगवात कृपा प्राप्त हो जाती है और गुरु कृपा से उस परम शक्ति के साक्षात्कार हो जाते है।

इस प्रकार चिंतामणि और कल्प वृक्ष लौकिक वस्तुवों को देने में तो समर्थ है परंतु भगवत संबंधी परम तत्व को प्रदान नहीं कर सकती।

परंतु सद्गुरु की कृपा से हम लौकिक और पारलौकिक दोनों ही तरह के तत्व को प्राप्त कर सकते है।

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